1 दिन में ही 7,00,000 करोड़ रुपए निवेशकों की डूब गए।

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करोड़पति निवेशकों का नुकसान: सच्चाई का पर्दाफाश

दोस्तों।गुरुवार को।शेयर मार्केट गोता लगा गया और 1 दिन में ही 7,00,000 करोड़ रुपए निवेशकों की डूब गए।मतलब सोच सकते हो? 7,00,000 करोड़ एक झटके में निवेशकों के डूब गए।और।आज यानी शुक्रवार को मार्केट धीरे धीरे रिकवरी की राह पर है, लेकिन यह किसी को पता नहीं है कि इसका लेवल क्या होगा? किस लेवल पे इसको सपोर्ट मिलेगा, किस लेवल तक ये मार्केट जाएगा? अभी चुनाव चलने तक ये मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा। पूरी अनिश्चितता बनी हुई है। अब दोस्तों इस गोते लगाने के पीछे भी कुछ कारण थे जैसे ऐसा कहा जा रहा है। चुनावी नतीजों को लेकर बड़ी अनिश्चितता छाई हुई है।जिसके चलते शेयर मार्केट जो है बहुत ही तेजी से नीचे गिरा।फिर दूसरा कारण है विदेशी निवेशकों ने भारी बिकवाली की।उन्होंने अपने सारे सौदे काट दिए, जिसके कारण मार्केट गिरा। तीसरा है कि कुछ कंपनियां जो है उनके बड़े खराब नतीजे जो तिमाही नतीजे आए हैं वो बहुत ही ज्यादा खराब रहे। उसकी वजह से ये मार्केट गिरा है।फिर क्या है? एक कारण ये भी है की यु एस फेड का जो है वो बड़ा आक्रामक रुख है जिसके चलते जो है पूरे संसार में अनिश्चितता छाई हुई है। अच्छा फिर क्या हुआ है की कच्चे तेल की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो शेयर मार्केट जो है तेल की कीमत और शेयर मार्केट एक दूसरे के एनिवर्सरी प्रोफेशनल है। यानी की वो बढ़ेगा तो ये गिरेगा ये गिरेगा तो वो बढ़ेगा। ये चलता रहता है अच्छा वायदा बंधु का निपटान भी होना था। सेट्लमेंट डेट थी उसके कारण भी मार्केट जो हैलोगों ने बिकवाली की तो दोस्तों इस 1 दिन के अंदर 7,00,000 करोड़ रुपए गिर गए।

अब आप सोचिए बी एस सी सेंसेक्स के जो कुल टोटल जो थे शेयर।3900 तैतालीस शेयर है। इनमे से 2902 शेयरों में गिरावट मिली और सिर्फ 929 शेयर जो है बढ़त के साथ बंद हुए। अब आप सोचिए।112 शेयर बिना किसी उतार चढ़ाव के बंद हुए 160 शेयरों ने कारोबार के दौरान अपना नया 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर भी छू लिया। वही 45 शहरों ने अपने 52 हफ्तों का नया निचला स्तर भी छुआ है। तो ये गुरुवार को जो ये मार्केट जो गिरा है।इसकी वजह से ये सारा उतार चढ़ाव आपको देखने पड़ा है।विदेशी निवेशकों द्वारा टोटल सिक्स थाउज़न्ड ₹669,00,00,000 के शेयर बेचे गए हैं। थर्ज़्डै को।और इन पांच कारोबारी सत्रों में जो फाइनैंशल इन्स्टिट्यूट इन्वेस्टर्स थे इन्होंने 22,600 ₹857,00,00,000 की टोटल बिकवाली की है। इन पांच दिनों में मीन्स थर्ज़्डै तक मंडे टु थर्ज़्डै।तो अब आप सोचिए की किस तरीके से मार्केट गिरा है और मार्केट का जो गिरावट का सबसे बड़ा जो असर रहा है। ऐफ़ एम सी जी, मेटल रियलिटी, एनर्जी, इंफ्रा, कम्पोडिटी और पी एस सी इंडेक्स यानी सभी प्रकार के सेक्टर में गिरावट देखी गई।अब जो एन एस सी में 30 में से 25 शेयर जो है, लाल निशान में बंद हुए है।

अच्छा एक और चीज़ आ रही है सामने की जो इक्विटी म्यूचुअल फंड है उसमें 16% जो है लोगों ने पैसा लगाना थोड़ा सा पूंजी प्रवाह कम हुआ है।ठीक है, ये अप्रैल महीने के आंकड़े है की जो 18,900 ₹17,00,00,000 जो है। इसका टोटल पूंजी प्रवाह रहा, यानी की इन्वेस्टमेंट रहा और क्या हुआ है की मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों के शेयरों से जुड़े कोष में निवेश प्रवाह कम होने से इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश घटा है। असोसिएशन ऑफ़ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसारये लगातार अड़तीसवां महीना है जब इक्विटी कोष में शुद्ध प्रवाह हुआ है। एस आई पी के तहत योगदान 20,000 करोड़ रुपए को पार कर गया है और अप्रैल में सबसे उच्चतम स्तर 20,300 ₹71,00,00,000 तक पहुंचा है। अच्छा एक और खबर आई है कि जो गोल्ड लोन लेने वाली जो गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां थी वो काफी दबाव में है।20,000 से ऊपर के कर्ज नकद में न देने के जो निर्देश आया है उसकी वजह से आर बी आई ने नया जो है डाइरेक्टिवे जारी किया की आप ₹20,000 से ऊपर का कर्ज जो है नगद में नहीं दे सकते तो उसकी वजह से गोल्ड लोन देने वाली कंपनी जो है और एन बी ऐफ़ सी के शेयर जो है उसमें काफी दबाव यानी की गिरावट देखी गई।आर बी आई के निर्देश के बाद मणिपुरम फनैन्स और मुथूट फनैन्स में कृपया 1.3 और 8.8 फ़ीसदी के गिरावट आई। इनके शेयर गिरे हैं। गौरतलब है कि मुथूट फनैन्स के कुल कारोबार में 84 फीसदी कर्ज सोने से जुड़ा हुआ है और मन्नापुरम फनैन्स का जो गोल्ड लोन कारोबार उसके कुल कारोबार का 51 फीसदी है तो ये जो है आप समझिए कि ये सिचुएशन अभी हमारे जो है।इस हफ्ते के पूरे शेयर मार्केट की रही है। तो दोस्तों आपको सोचना पड़ेगा अपना इन्वेस्टमेंट अच्छी तरीके से प्लान करके लगाएं।सोने में भी गिरावट आ रही है।

चांदी भी फिसल रहा है तो मुझे लग रहा है की जब तक चुनावी अनिश्चितता छाई हुई है तब तक ये उतार चढ़ाव मार्केट में चलता रहेगा।रियालिटी सेक्टर में एक अच्छी खबर ये है कि डीएलएफ़ ने अपने तीन दिनों में 795 अपार्टमेंट भेज डाले हैं। ये अच्छे तृतीय का जो मतलब त्योहार आ रहा है उसके चलते डी एल ऐफ़ ने अपने 7195 जो है अपार्टमेंट 5500 ₹90,00,00,000 की इन्होंने इन्होंनेबेच डाले हैं और ये योजना जो है डी एल ऐफ़ वेस्ट है।गुडगाँव में उसमें ये जो है लक्ज़री अपार्टमेंट इन्होंने बेचे है।तो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए अच्छी खबर है।और मुझे लगता है कि हमारे देश में जब स्थिर सरकार बनेगी तो भी जो है शेयर मार्केट से और कमोडिटी मार्केट से और इंफ्रास्ट्रक्चर

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One response to “1 दिन में ही 7,00,000 करोड़ रुपए निवेशकों की डूब गए।”

  1. […] योजनाओं के कारण महंगाई बढ़ती है, क्योंकि किसी न किसी सेक्टर पर इसका […]

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Yash Singh

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